13 August 2024

पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय विमानन उद्योग ने असाधारण वृद्धि देखी है, और यह अब दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक बन गया है। लेकिन इस विकास के साथ ही, कई एयरलाइनों को भारी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उन्हें अपना संचालन बंद करना पड़ा।
इन बंद हो चुकी एयरलाइनों के पास अभी भी कई विमान और अन्य मूल्यवान परिसंपत्तियां हैं, जो देश के विभिन्न हिस्सों में बेकार पड़ी हैं। यह स्थिति न केवल बड़े पैमाने पर निवेश का नुकसान है, बल्कि एक महत्वपूर्ण अवसर की अनदेखी भी है। हालांकि, इन संपत्तियों का पुनः उपयोग करने का कोई भी प्रयास तब तक सफल नहीं हो सकता, जब तक इन एयरलाइनों के ऋण निपटान का कोई ठोस समाधान न हो।
भारत में बंद हो चुकी एयरलाइनों पर एक नज़र
भारत में कई एयरलाइनों का उदय और पतन देखा गया है। यहां कुछ प्रमुख बंद हो चुकी एयरलाइनों की सूची दी गई है:
समस्या: बर्बाद हो रही संपत्तियां और ऋण समाधान की आवश्यकता
बंद हो चुकी इन एयरलाइनों के विमान और अन्य संपत्तियां देश के विभिन्न हिस्सों में खड़ी हैं। ये विमान, जो करोड़ों रुपये के हैं, समय के साथ पुरानी होती जा रही हैं, और इन्हें फिर से उपयोग में लाने के लिए महंगे रखरखाव की जरूरत है। यह स्थिति केवल निवेश का नुकसान नहीं, बल्कि एक बड़ी चुनौती है। इन संपत्तियों का राष्ट्र हित में उपयोग करना और भारत को विमानन के क्षेत्र में एक प्रमुख स्थान पर स्थापित करना आवश्यक है। इसे हल किए बिना कोई समाधान संभव नहीं है।
आवश्यकता: एक वृहद स्तर पर कमेटी का गठन
भारत सरकार को चाहिए कि एक एंपावर्ड कमेटी का गठन किया जाए, जिसमें इन एयरलाइंस को वित्तीय सहायता प्रदान करने वाले सभी वित्तीय संस्थानों या बैंकों के प्रतिनिधि, विमान निर्माता कंपनियों के तकनीकी, मूल्यांकन, और विक्रय प्रतिनिधि, इन एयरलाइंस के प्रमुख व्यक्ति, और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हों। यानी की और सभी स्टेक होल्डर्स और पॉलिसी होल्डर्स का एक साथ समावेश उस कमेटी में हो ताकि यह कमेटी कम से कम समय में सभी समस्याओं का आउट ऑफ द वे और आउट ऑफ कोर्ट समाधान तैयार करे। इसके बाद, भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी इस पर बड़ा निर्णय लें, जिससे ये एयरलाइंस फिर से संचालन में आ सकें। इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और बैंकों व वित्तीय संस्थानों का फंसा हुआ कर्ज भी वसूल हो सकेगा।
समाधान: ऋण निपटान और परिसंपत्तियों का पुन: उपयोग
परिसंपत्तियों का पुन: उपयोग: एक रणनीतिक दृष्टिकोण
निष्कर्ष
भारत में बंद हो चुकी एयरलाइनों के जमीन पर खड़े विमान और अन्य संपत्तियां एक महत्वपूर्ण अवसर का प्रतीक हैं, लेकिन उनका उपयोग तब तक संभव नहीं है जब तक कि इन एयरलाइनों के ऋण का समाधान न हो जाए। बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर ऋण निपटान के लिए एक ठोस रणनीति तैयार की जानी चाहिए, जो इन परिसंपत्तियों का पुन: उपयोग करने का मार्ग प्रशस्त करे। इस तरह, सरकार न केवल वित्तीय नुकसान को रोकेगी, बल्कि विमानन क्षेत्र में भी एक सकारात्मक योगदान दे सकेगी।
धन्यवाद,
सुनील दत्त गोयल
महानिदेशक
इम्पीरियल चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
जयपुर, राजस्थान
suneelduttgoyal@gmail.com
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Rtn. Suneel Dutt Goyal