04 May 2024
पिछले कुछ वर्षों से यह देखा गया है कि कुछ राजनीतिक दल और नेता हमारे स्टॉक मार्केट के बड़े उद्योगपतियों को नामजद करके अपनी राजनीति में घसीटते हैं। यह पूर्णतया अनुचित है। हमें ऐसा लगता है कि जब उन्हें शेयर बाजार में तेजी या मंदी का कारोबार करना होता है, या उनके सहयोगियों को फायदा पहुंचाना होता है, तो वे शेयर बाजार में अनुचित तरीके से भय पैदा करके अवांछनीय तेजी-मंदी का खेल खेलते हैं। इसीलिए, वे अपने भाषणों में इस तरह की अमर्यादित और अनुचित बातें बोलते रहते हैं।
मैं न्यायपालिका और सरकार के सभी संस्थानों से निवेदन करता हूँ कि वे इस प्रकार की बेफिजूल की बातों पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून बनाएं। ताकि एक सामान्य निवेशक, जो अपनी गाढ़ी कमाई को शेयर बाजार में लगाता है, ऐसे नेताओं की अनर्गल बातों से नुकसान न उठाए। उनकी सुरक्षा के लिए जरूरी है कि नेताओं की जुबानों पर लगाम लगाई जाए, जिससे बाजार अकारण तेजी-मंदी से प्रभावित न हो।
मैं सरकार से गुजारिश करता हूँ कि उन सभी नेताओं के संबंध में, जो शेयर बाजार में कारोबार में शामिल हैं, सेबी को यह अधिकार दिया जाए कि जब भी कोई नेता किसी कंपनी, समूह या व्यक्ति विशेष के पक्ष या विपक्ष में शेयर बाजार संबंधित भाषण या बयानबाजी करता है, तो उसके 10 दिन पहले और 10 दिन बाद के सभी सौदों की जांच करवाई जाए। जो भी संबंधित लोग इसमें शामिल पाए जाएं, उन्हें आजीवन शेयर बाजार में कारोबार से प्रतिबंधित किया जाए। मैं सभी राजनेताओं से अपील करता हूँ कि वे अपनी राजनीति के लिए इस देश के स्वस्थ शेयर बाजार, कारोबारियों और उद्योगपतियों को अपनी राजनीति में न घसीटें।
उद्योगपति आज से काम नहीं कर रहे, वे पिछले 30, 50, 80 या 100 वर्षों से उद्योग चला रहे हैं। किसी विशेष दल ने उन्हें उद्योगपति नहीं बनाया है। यदि कोई दल विशेष उन्हें उद्योगपति बना सकता, तो उन दलों के नेताओं को अपनी फैक्ट्री खोलकर साबित करना चाहिए कि वे भी अच्छे उद्योगपति हो सकते हैं। उद्योगपति बनने और बनाने के लिए बड़ा दिल और दिमाग चाहिए और उतनी बड़ी सोच भी। इसलिए, मेरा सभी राजनेताओं से करबद्ध निवेदन है कि हमारे स्वस्थ शेयर बाजार को विवादित न बनाएं।
धन्यवाद,
सुनील दत्त गोयल
महानिदेशक
इम्पीरियल चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री
जयपुर, राजस्थान
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Rtn. Suneel Dutt Goyal